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पीएम मोदी नेपाल के जनकपुर शहर पहुंचेंगे, श्री राम का ससुराल

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कर्नाटक चुनाव से एक दिन पहले 11 मई को पीएम मोदी नेपाल के जनकपुर शहर पहुंचेंगे। पीएम का इस बार का नेपाल का दौरा धार्मिक-सांस्कृतिक महत्व का होगा। नेपाल में पीएम जनकपुर से अयोध्या तक एक बस सेवा की शुरुआत और रामायण सर्किट टूरिस्ट योजना को लेकर ठोस पहल कर सकते हैं।

जनकपुर सीता का जन्मस्थान है। सीता मिथिला नरेश जनक की पुत्री थीं और ये स्‍थान अब नेपाल में है। इसीलिए ये श्री राम का ससुराल है और माता सीता का मायका है। पीएम मोदी जनकपुर के जानकी मंदिर जाएंगे, जहां वे आधे घंटे तक पूजा करने के बाद एक जनसभा को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री 11 और 12 मई को नेपाल के दौरे पर रहेंगे। 12 मई को कर्नाटक में विधानसभा के चुनाव हैं।

जानकी मंदिर नेपाल के जनकपुर के केन्द्र में स्थित एक हिन्दू मंदिर है। यह हिन्दू देवी सीता को समर्पित है। मंदिर की बनावट में हिन्दू-राजपूत वास्तुकला देखने को मिलती है। कई लोग इसे नौलखा मंदिर भी कहते हैं। कुछ लोग इसे जनकपुरधाम भी कहते हैं। बताते हैं कि जानकी मन्दिर का निर्माण मध्य भारत के टीकमगढ़ की रानी वृषभानु कुमारी ने करवाया गया था

1657 में देवी सीता की स्वर्ण प्रतिमा यहां मिली थी और मान्यतानुसार यहीं सीता माता विवाह पूर्व रहा करती थीं। मान्‍यता के अनुसार इस स्थान की खोज एक संन्यासी शुरकिशोरदास ने की थी, जब उन्हें यहां सीता माता की प्रतिमा मिली थी। शुरकिशोरदास ही आधुनिक जनकपुर के संस्थापक भी थे।

मान्यता अनुसार राजा जनक ने इसी स्थान पर शिव-धनुष के लिये तप किया था। यहां मंदिर का निर्माण 1895 में आरंभ होकर 1911 में पूर्ण हुआ था। मन्दिर परिसर एवं आसपास 115 सरोवर एवं कुण्ड हैं, जिनमें गंगासागर, परशुराम कुण्ड एवं धनुष-सागर अत्याधिक पवित्र माने जाते हैं। राम नवमी के दिन इस मंदिर में खास कार्यक्रम होता है।

इस मंदिर में धनुषा नाम से विवाह मंडप स्‍थित है इसी में विवाह पंचमी के दिन पूरी रीति-रिवाज से राम-जानकी का विवाह किया जाता है। जनकपुरी से 14 किलोमीटर उत्तर धनुषा नाम का स्थान है, बताया जाता है कि भगवान राम ने इसी जगह पर शिव धनुष तोड़ा था। यहां मौजूद एक पत्थर के टुकड़े को उसी का अवशेष कहा जाता है।

विवाह पंचमी के अवसर पर खास तौर पर इस मंदिर में आते हैं। मंडप के चारों ओर चार छोटे-छोटे ‘कोहबर’ हैं जिनमें सीता-राम, माण्डवी-भरत, उर्मिला-लक्ष्मण एवं श्रुतिकीर्ति-शत्रुघ्‍न की मूर्तियां स्‍थापित हैं। आपको बता दें कि 2015 में नेपाल में आए भूकंप में इस मंदिर को काफी नुकसान पहुंचा था।

नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, दोनों प्रधानमंत्री जानकी मंदिर परिसर से संयुक्त रूप से दो परियोजनाओं पर कदम आगे बढ़ा सकते हैं अयोध्या बस सेवा और रामायण सर्किट। जनकपुर के बारहबीघा रंगभूमि मैदान पर पीएम मोदी का जन स्वागत किया जाएगा।

पीएम मोदी के दौरे को लेकर जनकपुर में जबर्दस्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है। करीब 11000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं और मनांग के अन्नपूर्णा ट्रेकिंग रूट को सुरक्षा कारणों से तीन दिन के लिए बंद किया जाएगा। पीएम मोदी 12 मई को नेपाल के मुक्तिनाथ मंदिर भी जाकर दर्शन करेंगे। आपको बता दें कि पिछले साल नवंबर में रामायण सर्किट को लेकर नेपाल के जनकपुर नगर में अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था, जिसमें विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के नेता, कई विद्वान और नेपाल के सांस्कृतिक कर्मी मौजूद थे।

आपको बता दें कि केंद्र की एनडीए और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार समृद्ध सांस्कृतिक विविधता के संरक्षण पर ध्यान देते हुए रामायण सर्किट, कृष्ण सर्किट और बौद्ध सर्किट विकसित करने की योजना बना रही हैं। रामायण सर्किट में अयोध्या, श्रृंगवेरपुर, चित्रकूट, सीतामढ़ी, बक्सर, दरभंगा, नंदीग्राम, महेंद्रगिरी, जगदलपुर, भद्राचलम, रामेश्वरम, हंपी, नासिक, नागपुर आदि शहर शामिल हैं। केंद्र की मोदी सरकार ने अयोध्या, ऋंगवेरपुर और चित्रकूट को मिलाकर रामायण सर्किट के रूप में विकसित करने के लिए 223.94 करोड़ का बजट पास किया है। इन महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा, जहां से प्रभु राम वनवास के दौरान होकर श्रीलंका गए थे

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