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भाई दूज पर्व भाइयों के प्रति बहनों की श्रद्धा और विश्वास का पर्व है.

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भाई दूज पर्व भाइयों के प्रति बहनों की श्रद्धा और विश्वास का पर्व है. इस पर्व को हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितिया  तिथि के दिन मनाया जाता है. पर्व के दिन बहनें भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और भगवान से भाइयों की लंबी आयु की कामना करती हैं.

भाई दूज के पीछे ये हैं मान्यता:

मान्यता के अनुसार इस दिन जो यम देव की उपासना करता है, उसे असमय मृ्त्यु का भय नहीं रहता है. इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनके जीवन की मंगल कामना करती हैं. माना जाता है कि इस दिन शुभ मुहूर्त में अगर भाई और बहन साथ में यमुना नदी में स्नान करें तो भाई और बहन का रिश्ता हमेशा ना रहता है और भाई की उम्र बढ़ती है. भाई दूज को भाऊ बीज और भातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है.

भाई दूज 2017: भाइयों के प्रति बहनों के विश्वास का पर्व, जानें कब है मुहूर्त

भाई दूज शुभ मुहूर्त:

टीका का शुभ मुहूर्त: दोपहर 1:19 से 3:36 बजे तक.

द्वितीय तिथि प्रारम्भ : 21 अक्टूबर 2017 को 01:37 बजे तक.

द्वितीय तिथि समाप्त : 22 अक्टूबर 2017 को 03:00 बजे तक.

ऐसे करें पूजा

– सबसे पहले बहनें चावल के आटे से चौक तैयार करें.

– इस चौक पर भाई को बैठाए फिर उनके हाथों की पूजा करें. इसके लिए भाई की हथेली पर चावल का घोल लगाएं.

– इसके बाद इसमें सिन्दूर लगाकर कद्दू के फूल, पान, सुपारी, मुद्रा आदि हाथों पर रख कर धीरे-धीरे हाथों पर पानी छोड़ते हुए मंत्र बोलें.

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– किसी-किसी जगह पर इस दिन बहनें अपने भाइयों की आरती भी उतारती हैं और फिर हथेली में कलावा बांधती हैं. भाई का मुंह मीठा करने के लिए भाइयों को मिश्री या मिठाइयां खिलाना चाहिए.

– शाम के समय बहनें यमराज के नाम से चौमुख दीया जलाकर घर के बाहर दीये का मुख दक्षिण दिशा की ओर करके रखें.

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