हिंद महासागर में चीन की हालिया गतिविधियों के बीच भारत ने भी अपनी नौसेना शक्ति बढ़ाने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है. मंगलवार को रक्षामंत्री निर्मला सीतारण ने नौसेना में हेलिकॉप्टर की कमी को दूर करने के लिए 111 यूटिलिटी हेलिकॉप्टर खरीदने को मंजूरी दे दी. इससे न सिर्फ नौसेना में हेलिकॉप्टर की कमी दूर होगी, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट को बढ़ावा मिलेगा.
इन हेलिकॉप्टर की खरीद को स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप मॉडल के तहत स्वीकृति दी गई है. नौसेना के लिए इन हेलिकॉप्टर को मेक इन इंडिया के तहत बनाया जाएगा. मंगलवार को रक्षामंत्री की अध्यक्षता में हुई डिफेंस एक्यूजिशन काउंसिट (DAC) की बैठक में यह फैसला लिया गया है.
इस प्रोजेक्ट पर अनुमानित खर्च 21,738 करोड़ रुपये आएगा. 111 में से 16 हेलिकॉप्टर भागीदार कंपनी (विदेश कंपनी) से खरीदे जाएंगे, जबकि बाकी 95 हेलिकॉप्टर इंडियन स्ट्रैटेजिक पार्टनर्स के तहत बनाए जाएंगे. मंगलवार को रक्षामंत्री निर्मला सीरारमण के नेतृत्व में हुई DAC की बैठक में भारतीय नौसेना के लिए नौ एक्टिवली टोड आरे सोनार सिस्टम (एडवांस) के भी खरीद को मंजूरी दे दी गई. इस प्रोजेक्ट में 450 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.
हाल ही के दिनों में हिंद महासागर में चीन की गतिविधियां देखी गई हैं. चीन के जंगी बेड़े और पंडुब्बियां बार-बार कराची और ग्वादर से आवाजाही करते नजर आए थे. माना जा रहा है कि इसके जरिए चीन हिंद महासागर में अपनी नौसेना की मौजूदगी बढ़ाना चाहता है.
चीन समुद्र के रास्ते पाकिस्तान की आड़ में भारत को घेरने की कोशिश कर रहा है. हालांकि चीन इन जंगी बेड़े और पनडुब्बियों की आवाजाही को सौहार्द दौरा बता चुका है. वहीं, भारत चीन की इस संदिग्ध गतिविधियों से अलर्ट हो चुका है. इसी का नतीजा है कि भारत भी अब अपनी नौसेना शक्ति में इजाफा करने में जुटा हुआ है.